रूह को तलाशती लड़की

कभी कभी मानो लगता है 
मेरी रूह उत्तर आई हो तुम्हारे जिस्म में और तुमने लिख डाला हो मेरे ही एहसास को


ये जो तुम कह रही हो 
ये ही किसी रूह की आवाज़ है।

आज कल जान पड़ता है जिस्मो में रूह रहा नहीं करती 
दुनिया की खूबसूरत चीज़ो में जाके चुप जाती है 
हम ढूंढ़ते रहते है फिर सुकून बेचैन बदन में


सुनो तो तुमको कोई खूबसूरत से नज़्म दिखे तो बताना हमको , अपनी रूह को खींच लाएंगे इस बार

देखो लड़की 
मेरे पास कुछ बेर बचे हैं , लाल रंग के 
तुम्हारे होठो से अधिक गहरा वाला लाल रंग 

मेरे पास नहीं बचा है सुकून , इसलिए इज़ाज़त नहीं के तुम्हारे मुकाबिल कोई नज़्म खोज सकूँ।


देखा कहा था ना मेने 
छुप गयी होगी कहीं 
तुमने फिर शब्द उकेरे मेने फिर अपनी रूह खोज ली 
लग रहा जैसे तुमने अपनी कलम में बंद करके रख दी है 

तुम्हारे शब्दों के साथ कटरा कटरा निकलती है रूह हमारी 

ऐ लड़की

हां कहो लड़के

लड़का नहीं , कच्ची दीवार के साये में एक बूढ़ा साया। ।

साया बड़े लिबास में। …
सुना था कभी
साया लिबास ओड लेता है
उम्र का तकाज़ा कैसे लगाया तुमने

जाने क्या मगर , इस तरह आवाज़ डौगी तो सब बिखर जायेगा
फिर कैसे समेटोगी ? मालूम नहीं

जाओ तुम।
कितनी ही बार तो समेटे है तुमको तुम्हारे बिखर जाने के बाद। …

सच ? ? ?

इन हाथो में मालूम होता है कोई कलाकार बैठ जाता है। ।
जब बी कुछ टूटता बिखरता है। .

मैं जनता हूँ तुमको ऐ लड़की
में एब्सेंट माइंड हु
इसलिए तुमको आवाज़ नहीं दे सकता

काश हम भी सुन पाते। …

तुम नहीं सुनो। । सुन लगी तो चुप हो जाओगी …

ये कितना रसमयी है न। ……
हा शायद सबके लिए। ।

हम्म्म्म
लगता है कभी कभी किसी को जानने से ज्यादा रोचक है उसको अपनी सोच से समझना ……

तुम सच में कमल ही हो। ।
इस उम्र में ये हाल है तो तमाम उम्र में क्या हो

अरे जाओ।
तुम भी क्या हाल की बाते करने लगे
हम तो तबसे होश गवाए बैठे हैं जब से तुमको पढ़े हैं


देखो तुम्हारी खैर नहीं। ।

सुना है इश्क़ बताके नहीं होता। … खेर करे तुमसे नहीं हुआ

हां। क्या मिलता मुझसे करके

इश्क़ में कहाँ कुछ फरमाइशें होती हैं
इश्क़ होता हैं जाना
और दिल्लगी होती है


हाँ सच में।
तुम कमाल हो

अरे में कोई किस्सा थोड़े ही हु
जो कमाल हु

मेरे पास तो ऐसे जवाब भी नहीं
ये तस्वीर कितनी सुन्दर है
खूब अच्छी।

तस्वीर सुन्दर ही तो होती है
कपट से दूर
तस्वीर का मन नहीं होता न


अगर तस्वीर की भी उम्र होती तो जश्न करते हम आज एक साल पुरानी हो गयी तस्वीर हमारी











तरु ' ओजस्विनी '

Comments


  1. ਮੈਨੂੰ ਹੁਣੇ ਹੀ ਇਸ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਹੈ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ :*

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

pata to chale

कविता के भावों में

एक शाम कुछ यूँ हुआ