Posts

Showing posts from 2013

tasveer

Image
bas ek khamoshi hi dil tod jaati hai baki to har baat acchi hai uski tasveer me  

आधी अधूरी बरबादी में जीने से तो बेहतर होता.

Image
हम मिले होते तो कितना अच्छा होता  तुम मुझे बरबाद करते और मैं तुमको  आधी अधूरी बरबादी में जीने से तो बेहतर होता.

लच्छेदार बातें

मैं जब भी तुम्हे याद करती हूँ, तब ढेर सी लच्छेदार बातें , और बहुत से किस्से याद आते हैं, तुम्हारी वो गर्म-गर्म साँसे जो हौले से मेरे चेहरे  पे लि ख जाती थी तुम्हारा नाम माँ के संग बैठ कर तकिये पर सर टीकाकार तुम्हारा छुप-छुपकर मुझे तिरछी नजरों से देखना इशारे करना गर्म चाय के प्याले को फूंक-फूंककर ठंडा करते वक़्त पापा से  छुपकर , मुझको प्यार से दिया गया तुम्हारा वो पहला फ्लाईंग किस डायरी से उड़ निकलने को बेताब इक खाली पन्ना और वो तुम्हारी लिखी हुई अधूरी कविता  ! वोह किताबों में सूखता हुआ गुलाब का  फूल जो तुमने मुझे वेलेंटाइन डे से पहले दिया था प्यार का  कहकर , बेहद पुरानी डायरी  में रखी हुई हमारी तस्वीर जिसके पीछे तुमने लिखा था फोरेवर योर्स !|♥♥ ओजस्विनी "तरु"

Mere hisse ki zami

तुमने बांटी थी  मेरे हिस्से  ज़मीं  मैंने तेरे हिस्से के आकाश को सलामत रखा  तू  लम्हा दर लम्हा  तोड़ता रहा  मैंने दरकते तेरे रिश्ते को जोड़ती रही  हर पल हर सू  तुही दिखा मुझको  और तेरी नज़र मेरे सामने मुझे  ढूडती रही  :- ओजस्विनी'तरु'
एक दौर से गुजरी तो ये महसूस किया कभी कभी ज़िन्दगी कितनी बदरंग  सी बहार  सजी हुई होती है दुल्हन की तरह ... कभी कभी मोहब्बत करने से और निभाने से भी जद कठिन होता है उसे छुपा के रखना ....किसी शक्ष से जब बेइम्तिहान मोहब्बत होती है और उसी शक्श से हम बात नहीं करना चाहते मालूम होता है दर्दनाक कुछ हुआ होगा ....कैसे खुश हो जाते है ये लैब खिलखिला के जब आँखों के कोरो में नमी छलकती होगी ......कोई हस्ती आँखों का दर्द बयां करे तो जाने हम के मोहब्बत वो शे है जो एक बार हो गयी तो हो गयी ..... कभी कही पड़ा था हमने के मोहब्बत दीवानगी की हद से गुज़र कर रूह में बस्ती है तो जूनून हो जाती है ..... पर अगर वाही मोहब्बत हदों को पर कर जिस्मो से लिपटे तो शर्मशार हो जाती है....बहुत कुछ सोचा ,...सिख भी तो…. इश्क के काफिले बहुत सुने है आज कल जो कल से आज के अलग अलग पैगाम देते है ... हमे तो नफरत भी मोहब्बत हबी नज़र आती है .....पांव ऊपर किये सर के बल कड़ी मोहब्बत ही नफरत है ..प्यार का उल्टा भाव ......आज कल नफरत की भावना से तरवोर हु .....कल तक खुद से नफरत किये बेठी थी आज उनसे कर ली है जो मोहब्बत करने में मशगुल हैं .......

एक सुनहरी शाम

Image
एक सुनहरी शाम रोज़ मिलती है मुझे पिली चुनर लपेटे हुए .....हर रोज़ उससे बतियाना जैसे आदत सी हो गयी है मेरी ..... मेरे गाँव से शहर तक एक रास्ता जाता है .....मुझे भी रोज़ जाना पड़ता है उस रस्ते पर…शाम ढलते ही में लौट भी आती हु .....थके हारे परिंदे की तरह ......आते हुए बहुत लोग मिलते है उस रस्ते पर ..... मुझे मिलती है तरक्की जो मेरे गाँव को धीरे धीरे शहर में तब्दील कर देगी ...अभी वो पहुची नहीं है मेरे गाँव तक… काछे मकानों के बीचो बिच से होक पक्की सड़क है .... आज भी लिपे हुए आंगन मिलते है मुझे रोज़ रस्ते में ..... चार पहिये की गाडिया भी मिलती है मुझे ....मुझे एहसास होता है कभी कभी ......मेरे बड़े से गाँव  में भी छोटा सा शहर पैदा होने लगा है  ..... पर फिर भी मेरा गाँव आज भी खुबसूरत है,खेतो से मुझे आज भी महक आती है मेहनत के पसीने की,खून सा बहा पसीना आज भी लहलहाता है मेरे गाँव में दिलशाद सा। देखो  ज़रा शहर पल रहा है आज भी गाँव की गोद में,फलता फूलता,गाँव समेटे है शहर को अपनी गोद में,बच्चे सा जिद्दी शहर,छोटा शहर, बड़ा सा गाँव नदी की लहर . .

man ko ghere hue

fir uthi hai peer dil me phir se man bhari hua hai phir se teri baate chidi hai phir se yade man ko ghere hue hai kitna ashaay si hu kitni bebas si hu tumhare chale jane ke dar se me kitni tanha si hu

उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी...

Image
Your Cheerful Looks Makes Day A Delight ! आज पलट के बीते सालों पे नज़र डालती हूँ तो यकीन नहीं होता... ये उसी लड़की के लिए कहा गया था कभी जो आज अपनों के लिए दुःख और उदासी का कारण बनी हुई है... ये टाइटल ऐसे ही नहीं दिया गया था उसे क्लास ट्वेल्फ्थ की फेयरवेल पार्टी में... उसकी खुशमिज़ाजी ने उसे स्कूल कॉलेज, यार दोस्तों के बीच एक अलग पहचान दी हुई थी... बड़ी से बड़ी परेशानी में भी हमेशा ख़ुश और हँसती रहने वाली लड़की... वो कभी हर महफिल की जान हुआ करती थी जो आज ख़ुद से भी इतना कटी कटी रहती है... ख़ुद से ही नाराज़... कब वो इतना बदल गयी... उसकी वो हँसी कहाँ गायब हो गयी उसे भी कहाँ पता चला था... बहुत चिड़चिड़ी हो गई थी वो... बात बात पे गुस्सा करने लगी थी... नाराज़ रहने लगी थी... लोग अक्सर उससे शिकायत करने लगे थे उसके स्वभाव को ले कर... पर जो लोग उसे अभी-अभी मिले थे वो उसे जानते ही कितना थे... वो हर किसी की शिकायत सुनती और चिढ़ जाती... एक अजीब सी खीझ भरती जा रही थी उसके मन में सबके प्रति... एक बेहद गहरी ख़ामोशी उसे घेरती जा रही थी जो सिर्फ़ उसे महसूस होती थी... वो ऐसी नहीं थी... वो ऐसी

mujme hai tu

mujhme hai tu ya tujme me hu dil ek hai humara kiske sine me dhadakta hai ruh ek humari kiske jism me zinda hai

आखिर वो चाहता क्या है .....

Image
आखिर वो चाहता क्या है ....कहता है मुझसे प्यार करता है और मेरा दिल दुखाने  का कोई भी मौका नहीं छोड़ता है ..... अभी कल की ही तो बात थी ...उसने कहा था कुछ भी पहन के आजाना ..मैंने पूछा भी था ' क्या पहन कर आऊ में ' कुछ भी पहन कर आजाना उसने यही कहा था जो तुमको अच्छा लगे ..... कितनी खुश थी में के मुझे देख के उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहेगा ....मुझे देखते ही मुजको अपने गले से लगा लेगा वो ...प्यार जो करता है मुझसे ..... खिड़की से देखा था मैंने ...और बैग उठा कर अपने हाथो में रख लिय।वो बेठने को पूछता उससे पहले ही मैंने उसके लिए जगह कर दी थी सीट पर बस में ..... वो आके बैठ गया उसकी एक नज़र मुझपर थी दूसरी मेरे कपड़ो पर। अपने कानो में मोबाइल का हेड फ़ोन लगा लिया और एक कान से निकल दिया ..मेरी बात सुनने को शायद नहीं लगाया था .... क्या हुआ ...ऐसे क्यों बेठे हो मुह फुला कर  मैंने पूछा था ...वो कुछ नहीं बोला ...मेरे अरमानो पर जैसे को कटाक्ष वार कर रहा हो .... उसकी चुप्पी चुभ रही थी मुझे पर वो कुछ नहीं बोल......बस से उतरे और कॉलेज में घुसने तक उसने कुछ न कहा ..अन्दर पहुचते ही मेरे गले से स्कार्फ खि

एक शाम कुछ यूँ हुआ

Image
एक शाम कुछ यूँ हुआकायनात उलट सी गई,फलक समंदर में तब्दील होने लगा बादल लहरों के माफिक दौड़ -दौड़ साहिल तलाशने लगे ज्वार-भाटे के गर्जन ..... आकाश में गश्त करने लगे धरती की कश्ती में सिक्का फेंक सूरज लुटने ही वाला था के चाँद ने आकर बाजी पलट दी (ना जाने कितनो की बालाएं अपने सर लेगा ये चाँद) आसमां ठहर गया सागर नहीं बना, धरती भी अपनी जगह कायम पाताल होने से बच गई अब के बार कुदरती प्यादों ने कोई साजिश की तो कसम से ! ए खुदा सुन ! क़यामत तेरे घर होगी समझा दे अपनी कुदरत को हम खुदाबन्द .. इन्साफपरस्त लोग हैं अदालत ज़मी पे बैठेगी पेशी भी यहीं पड़ेगी सिर्फ तारीखे मिलेंगी लगाना फिर चक्कर पे चक्कर बहरहाल ! केस फाइल नहीं किया है मामला मुल्तवी हुआ... बर्खास्त नहींऑन रिकॉर्ड ना सही ऑफ रिकॉर्ड है एक और बात - सिर्फ तुम ही नहीं रखते बही खाता फाइल री-ओपन यहाँ भी होती हैं और सेटेलमेंट भी करो अब चुनाव क्या चाहते हो ?

प्रेम दिवस पर एक प्रेमी का सभी प्रेम करने वालों को सन्देश, कुमार विश्वास ....

मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है, जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं, जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं, जब बार-बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं, जब ऊँच-नीच समझाने में माथे की नस दुःख जाती है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। जब पोथे खाली होते है, जब हर्फ़ सवाली होते हैं, जब गज़लें रास नही आती, अफ़साने गाली होते हैं, जब बासी फीकी धूप समेटे दिन जल्दी ढल जता है, जब सूरज का लश्कर छत से गलियों में देर से जाता है, जब जल्दी घर जाने की इच्छा मन ही मन घुट जाती है, जब कालेज से घर लाने वाली पहली बस छुट जाती है, जब बेमन से खाना खाने पर माँ गुस्सा हो जाती है, जब लाख मन करने पर भी पारो पढ़ने आ जाती है, जब अपना हर मनचाहा काम कोई लाचारी लगता है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है। जब कमरे में सन्नाटे की आवाज़ सुनाई देती है, जब दर्पण में आंखों के नीचे झाई दिखाई द