तेरे जाने के बाद ...
कभी कभी समज नहीं पाती क्या लिखू .....जैसे तुम गए हो तो मेरे शब्द भी तुम्हारे साथ चले गए।
जब भी अतीत के पन्नो को खोलती हु तो बस तुम दीखते हो ...पता है ..मेरे सहेलिय कहती हैं के मै अब पहली सी नहीं रही ....उनका मन्ना है के मै बदल चुकी हु .....मुझे यकीं नहीं होता। मै तो आज भी तुम्हे उस्सी जूनून से चाहती हु ....फिर कैसे यकीं करू उनकी बातो का ......................
तुम ....मै जानती हूँ ....तुम नहीं जाना चाहते थे .....पर जाना पड़ा ..अगर न जाते तो मुझे कैसे यकीं होता के मै तुमसे प्यार करती हु ....जिसे लड़कपना समझे हुए थी वो तो एक सागर निकला .................
तुम्हे प्यार करना मेरे लिए जितना आसान है तुम जानते हो क्या ....नफरत कर पाना उतना ही मुश्किल है ...
मेरी सहेलिय कहती है के तुम धोकेबाज़ हो ....तुम मुझे यु छोड़ कर चले गए ..पता है मै उन्हें दांत देती हु .........मुझे पता है गलती मेरी ही थी ........ये बात मै ही नहीं जान के मुझे तुमसे प्यार था ......तो तुमसे कहती कहा से ........
जब भी अतीत के पन्नो को खोलती हु तो बस तुम दीखते हो ...पता है ..मेरे सहेलिय कहती हैं के मै अब पहली सी नहीं रही ....उनका मन्ना है के मै बदल चुकी हु .....मुझे यकीं नहीं होता। मै तो आज भी तुम्हे उस्सी जूनून से चाहती हु ....फिर कैसे यकीं करू उनकी बातो का ......................
तुम ....मै जानती हूँ ....तुम नहीं जाना चाहते थे .....पर जाना पड़ा ..अगर न जाते तो मुझे कैसे यकीं होता के मै तुमसे प्यार करती हु ....जिसे लड़कपना समझे हुए थी वो तो एक सागर निकला .................
तुम्हे प्यार करना मेरे लिए जितना आसान है तुम जानते हो क्या ....नफरत कर पाना उतना ही मुश्किल है ...
मेरी सहेलिय कहती है के तुम धोकेबाज़ हो ....तुम मुझे यु छोड़ कर चले गए ..पता है मै उन्हें दांत देती हु .........मुझे पता है गलती मेरी ही थी ........ये बात मै ही नहीं जान के मुझे तुमसे प्यार था ......तो तुमसे कहती कहा से ........
अब तरसती है
के दीदार हो सके
एक पल
के लिए ही सही
कुछ प्यार हो सके
जब तुम थे
न था प्यार
तुमसे
अब तुम हो
नहीं
मगर
प्यार है
तुमसे .....
प्यार करने के लिए .....
तुम्हारा होना
ज़रूरी नहीं है
ये
जाना मैंने
तेरे
जाने के बाद ...
Comments
Post a Comment