ये यादे
ये यादे भी न बड़ी बातूनी होती है ....तुम हो की कुछ बोलते नहीं और वो है की कभी चुप रहती नहीं ,एक बार शुरू हो जाती है तो ......ये यादे भी न बिलकुल मुझ पर गयी है ....रात को बीते पहर ऐसे घेरे बेठी थी मुझे की गर कोई कमरे में आजाता उस वक़्त वो चाचा ग़ालिब की "छुपाये न बने,और बताये न बने" वाली स्थिति हो जाती .....सबका एक दिन आता है .....किसी दिन तुमको आके घेरेंगी मेरी यादे :) तब हम भी कही ऐसे ही चिप जायेंगे ....
पता है कल रात हमने ढेर बाते की ...यादो ने और मैंने ......तुम्हारी यादे उन तमाम भूली बिसरी गलियों से होतें हुए जाने कोंसे शहर ले गयी थी :) :) :) जहाँ बस हम थे ....और चारो और पीले रंग के फूल खिले थे ....जैसे सूरज से साड़ी रौशनी चुरा लाये हो ....एक अजीब सी मदहोश कर देने वाली गंध बिखरी थी साड़ी फिजा में ...
बड़ी जानी पहचानी सी लगी थी वो महक ,जैसे जन्मो से जानती थी उसे ....बहुत सोचा तो याद आया , जब बार तुम्हे गले लगाया था ना वैसी ही महक बिखरी थी फिजा में तब भी ........................
जानते हो आज सुबह सुबह तुम्हे सपने में देखा ....तब से मुस्कुराती हुई घूम रही हूँ सारे में :)
जैसे कोई खोयी हुई दोस्त मिल गयी हो ...घेहरे लाल रंग की शर्ट में बड़े प्यारे लग रहे थे तुम , आमतोर पे मुझे वो रंग बिलकुल भी नहीं भाता पर जब से तुम्हे देखा है उसमे , मेरा फेवौरित हो गया है :).....
बिलकुल वाही शर्ट दुंद के लानी है तुम्हारे लिए .....
जानती हूँ अब बोलोगे " बिलकुल पागल हो तुम "...बोला ना ...:)
तुम्हारी सबसे बड़ी खासियत पता है क्या है ? के तुम बेहद आम हो ...तुम में हर वो कमी है जो तुम्हे ख़ास इंसान बनती है ...तुम कोई ऐसे नोवा नही हो .... इतने खुबसूरत के जिसे लडकिय देखते ही पागल हो जाए ....
तुम मेरी ही तरह एक दम साधारण हो .....बेहद सौभ्य ...और इसलिए मुझे सबसे जादा पसंद हो ... क्युकी तुम्हारी खूबसूरती तुम्हारे दिल में बस्ती है .....
मेरी आँखों से देखना खुद को ...खुद दिल न आ जाए तो मेरा नाम बदल देना ...वैसे तो तुमने पहले ही बदल दिया है ...तुम्हारे मुह से अपना नाम सुनती हूँ ना ..कितना पराया सा लगता है ,ये दुनियावी नाम ...
सुनो तुम मुझे मेरे नाम से मत पुकारा करो :/
पता है कल रात हमने ढेर बाते की ...यादो ने और मैंने ......तुम्हारी यादे उन तमाम भूली बिसरी गलियों से होतें हुए जाने कोंसे शहर ले गयी थी :) :) :) जहाँ बस हम थे ....और चारो और पीले रंग के फूल खिले थे ....जैसे सूरज से साड़ी रौशनी चुरा लाये हो ....एक अजीब सी मदहोश कर देने वाली गंध बिखरी थी साड़ी फिजा में ...
बड़ी जानी पहचानी सी लगी थी वो महक ,जैसे जन्मो से जानती थी उसे ....बहुत सोचा तो याद आया , जब बार तुम्हे गले लगाया था ना वैसी ही महक बिखरी थी फिजा में तब भी ........................
जानते हो आज सुबह सुबह तुम्हे सपने में देखा ....तब से मुस्कुराती हुई घूम रही हूँ सारे में :)
जैसे कोई खोयी हुई दोस्त मिल गयी हो ...घेहरे लाल रंग की शर्ट में बड़े प्यारे लग रहे थे तुम , आमतोर पे मुझे वो रंग बिलकुल भी नहीं भाता पर जब से तुम्हे देखा है उसमे , मेरा फेवौरित हो गया है :).....
बिलकुल वाही शर्ट दुंद के लानी है तुम्हारे लिए .....
जानती हूँ अब बोलोगे " बिलकुल पागल हो तुम "...बोला ना ...:)
तुम्हारी सबसे बड़ी खासियत पता है क्या है ? के तुम बेहद आम हो ...तुम में हर वो कमी है जो तुम्हे ख़ास इंसान बनती है ...तुम कोई ऐसे नोवा नही हो .... इतने खुबसूरत के जिसे लडकिय देखते ही पागल हो जाए ....
तुम मेरी ही तरह एक दम साधारण हो .....बेहद सौभ्य ...और इसलिए मुझे सबसे जादा पसंद हो ... क्युकी तुम्हारी खूबसूरती तुम्हारे दिल में बस्ती है .....
मेरी आँखों से देखना खुद को ...खुद दिल न आ जाए तो मेरा नाम बदल देना ...वैसे तो तुमने पहले ही बदल दिया है ...तुम्हारे मुह से अपना नाम सुनती हूँ ना ..कितना पराया सा लगता है ,ये दुनियावी नाम ...
सुनो तुम मुझे मेरे नाम से मत पुकारा करो :/
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