उसने लिखा फरेब तो मैंने वफा लिखा
उसने लिखा फरेब तो मैंने वफा लिखा
पूरे सफे पे एक नहीं, सौ दफा लिखा
मेरे कसूर का पता खुद ही मुझे नहीं
उसने ही बार बार कलम से खफा लिखा
...
पूरे सफे पे एक नहीं, सौ दफा लिखा
मेरे कसूर का पता खुद ही मुझे नहीं
उसने ही बार बार कलम से खफा लिखा
...
मैंने भी रंज सारा झटके में रख दिया
बरसों की मोहब्बत का है ये तोहफा लिखा
उसने लिखा नुकसान के रिश्ते का सब सबब
रिश्ते के इस हिसाब में मैंने नफा लिखा
रखी नहीं कसर कुछ पर वो नहीं माना
फिर मैंने भी आखिर में सब कुछ रफा लिखा...
बरसों की मोहब्बत का है ये तोहफा लिखा
उसने लिखा नुकसान के रिश्ते का सब सबब
रिश्ते के इस हिसाब में मैंने नफा लिखा
रखी नहीं कसर कुछ पर वो नहीं माना
फिर मैंने भी आखिर में सब कुछ रफा लिखा...
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