तेरे बारे में

तेरे बारे में सबको बताउंगी   कैसे ?
जख्म दिल में बसे हैं,दिखाऊँगी  कैसे ?

तू बेवफा तो नहीं था जो बादे से मुकर गया,
मगर ये सच जमाने को सुनाउँगी  कैसे ?

तेरे जाने पर कुछ और भी बिखरा था दिल की तरह,
वो ज़ज्बात अब फिर से सजाऊँगी  कैसे ?

कह पाती  तो शायद पा ही लेती  तुझे,
इस उम्मीद से दामन छुड़ाऊँगी कैसे ?

मुद्दतों बाद हँसते हुए देखा है,
फिर आज तुझे मिलकर रुलाऊँगी  कैसे ?

Comments

  1. बहुत खूबसूरत. दूसरे शेर में 'बेवफा' शब्द सही है या 'बावफा' ठीक रहेगा...? प्लीज़ थिंक-

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