हमसे बिचडके

हमसे बिचडके
 कैसे जिया करोगे ?
किस्से रात गयी तक
बाते किया करोगे ?

बन जाएगी आदत
देर तक चाँद देखना .
 रातों को घुट घुट के
 आंसू पिया करोगे

किस तरह रोकोगे
अश्कों को आँखों में आने से ?
होठो की थरथराहट को
कैसे सिया करोगे ?
वो प्यारी सी सौगाते ,
याद आएँगी बीती बाते ..
 तुम किसी और के बहाने
मेरा नाम लिया करोगे?

 रोज़ सूख जाया करेंगे
 आँगन में तेरे
मेरे बाद फूल
 किसको दिया करोगे  !

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