कविता के भावों में
कविता के भावों में मै ,
तेरे भावों को स़िया करती हु
ठहरे से पानी में , कुछ भाहाव दिया करती हु
मै अपने शब्दो को अक्सर आवाज़ दिया करती हु
जलते अरमानो के ताप में
सपनो की हवा से
अहम् को अपने
जला दिया करती हु
तेरे प्यार के हर नाम में
खुद को फ़ना किया करती हु
मेरे जान
तू जान
मै तुझपे जान दिया करती हु
हर शाम मै तेरे नाम अक्सर सौंप दिया करती हु
कविता के भावों में मै ,
तेरे भावों को स़िया करती हु
तेरे भावों को स़िया करती हु
ठहरे से पानी में , कुछ भाहाव दिया करती हु
मै अपने शब्दो को अक्सर आवाज़ दिया करती हु
जलते अरमानो के ताप में
सपनो की हवा से
अहम् को अपने
जला दिया करती हु
तेरे प्यार के हर नाम में
खुद को फ़ना किया करती हु
मेरे जान
तू जान
मै तुझपे जान दिया करती हु
हर शाम मै तेरे नाम अक्सर सौंप दिया करती हु
कविता के भावों में मै ,
तेरे भावों को स़िया करती हु
nice poem.
ReplyDeletethanks for visiting my blog....
bless u.
anu
dhanyawad anu ji
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