गर्भ में ९ महीने पलकर जब हम इस दुनियां में आये जब तुतलाती जुबान से माँ का नाम अधर पर आये ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //
... बड़े हुए थोड़े से जब उंगली पकड़कर चलना सिखाये रोने पर हमारे न सोने पर लोरी सुनाकर हमें सुलाए ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //
सुबह जल्द खड़ी होकर हमको अपने हांथों से नहलाये कपडे पहनाकर बैग लगाकर स्कूल छोड़ने हमें ले जाए ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //
नौकरी लगे हमारी तब जब हम घर को वापस आयें बाहर खड़ी इन्तजार करें देखकर हमें आंसू आ जायें ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //
बच्चे हुए हमारे जब आस पास उनके मदराएं एक शब्द दादीमाँ सुनकर उनके दिल को सुकून मिल जाए ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //
सांस चल रही अंतिम उनकी हमें बैठाकर वो समझाएं हमारे होंठ धीरे से बुदबुदा रहे अंतिम बार माँ कह पाए ममता की ऐसी मूरत माँ कहलाये //

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